मैं से तुम नहीं जब हम बन जाओगे I जीवन धारा का मीठा जल तभी ग्रहण कर पाओगे I मैं से तुम नहीं जब हम बन जाओगे I जीवन धारा का मीठा जल तभी ग्रहण कर पाओगे I
एक बालक की जिज्ञासा है जिसमें वह अपने लक्ष्य प्राप्ति के लिए अपने अबोध मन को समझाने की कोशिश करता है... एक बालक की जिज्ञासा है जिसमें वह अपने लक्ष्य प्राप्ति के लिए अपने अबोध मन को समझ...
लकीरों में नहीं कर्म से, सींच अपने भाग्य का मंजर I लकीरों में नहीं कर्म से, सींच अपने भाग्य का मंजर I
ये तौर, ये तरीके, बनाए किसने! ये तौर, ये तरीके, बनाए किसने!
ये बाधाएं भी ओझल हो जाएंगी, जिंदगी फिर से एक सुनहरा सवेरा ले आयेगी,।। ये बाधाएं भी ओझल हो जाएंगी, जिंदगी फिर से एक सुनहरा सवेरा ले आयेगी,।।
चांद सा हसीन कोई देखा ना था, पर उस रोज़ चांद सा हसीन कोई मिला था,।। चांद सा हसीन कोई देखा ना था, पर उस रोज़ चांद सा हसीन कोई मिला था,।।